नए साल में
नया क्या हुआ है ?
बस हम कुछ और पुराने से हो गए हैं
बालों की सफेदी थोड़ी और बढ़ गई है ...
बच्चे एक साल और हमसे आगे निकल गए हैं ...
माँ की बरसी एक साल और चढ़ गई है ...
पापा की सांसे अब और पुरानी हो गई हैं ...
बच्चों की किताबे कुछ और महंगी हो गई हैं ...
ज़िम्मेदारी के बोझ से कंधे झुकने लग गए हैं ....
अख़बारों की ख़बरें बस रोज़ ही रिपीट होती हैं
ये भी पिछले साल जैसी ही हैं .....
नए साल में नया तो कुछ भी नहीं हुआ है।
बस
मेरे जंक लगे रिश्तों को
रेगमाल लगाना है नए साल का
ताकि नए साल में नए पेंट लगा कर
दोबारा से
पुराने हो गए रिश्तों को महका दूँ नए साल में
कुछ नया नहीं हुआ है ...
चेहरे पर शिकन और बढ़ गई है ...
हम ही कुछ और पुराने से हो गए हैं नए साल में .......
रौनक हबीब
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