आज जब तुमने
रिश्तों के बारे में कहा
तो मुझे लगा
जैसे
मेरे जलते हुए जिस्म से
नायलोन के कपडे को
झटके से खीच लिया गया हो ...
और वहां से
अपनी पूरी ताक़त से बहने लगा हो
रक्त ...पानी ....और
रिश्तों का दर्द .....
रौनक हबीब
Powered by Froala Editor
आज जब तुमने
रिश्तों के बारे में कहा
तो मुझे लगा
जैसे
मेरे जलते हुए जिस्म से
नायलोन के कपडे को
झटके से खीच लिया गया हो ...
और वहां से
अपनी पूरी ताक़त से बहने लगा हो
रक्त ...पानी ....और
रिश्तों का दर्द .....
रौनक हबीब
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY