जब भी तुम बार करेगे
दुख का दारिया पार करेगे
नफरत की दीवार के पीछे
टूटके तुझको प्यार करेगे
तुझसे नही तो किससे जाकर
गुस्से का इजहार करेगे
मै मालन हू गुलशन तु है
फूल करेगे खार करेगे
माफ तुम्हे ही करना होगा
गलती हम सौ बार करेगे
Rekha nayak reno
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY