इस दुनिया में रिश्ते बहुत है मगर पर,
एक बाबुल और बिटिया का रिश्ता है अलग !
बाबुल लगाए जान अपनी बिटिया को,
बिटिया लगाये जान अपने बाबुल को !!
सुखो में बिटिया संग हसता है बाबुल,
दुखो में बिटिया संग रोता है बाबुल !
दुनिया के नजरो से बिटिया को बचाता है बाबुल,
पढ़ा लिखा कर काबिल बनाता है बाबुल !!
बिटिया के हर एक सोच में बाबुल,
बाबुल के हर एक सोच में बिटिया !
पूछे सुबह शाम क्या खाना है बिटिया,
रातो को पूछे तू सोई नहीं बिटिया !!
परीक्षा समय बिटिया संग पढता है बाबुल,
उसकी समस्यायों को हल करता है बाबुल !
नींद न आवे तो चम्पी और मालिश,
थपकिया दे देकर सुलता है बाबुल !!
बिटिया की हर एक बात को बाबुल,
ध्यान से सुनता समझता है बाबुल !
अपनी बिटिया को हरदम समझाता है बाबुल,
है कैसी ये दुनिया बताता है बाबुल !!
सुबह की पहली किरण के ही साथ,
अपनी बिटिया को प्यार से जगाता है बाबुल !
बिटिया के हाथो को अपने हाथो में लेकर,
हर पल आगे बढ़ना सिखाता है बाबुल !!
अपनी बिटिया के आँखों में आशुओ को देख,
उसके चेहरे की मुस्कान वापस लाता है बाबुल !
अपनी बिटिया के चेहरे पर निराशा को देख,
उसके मन में आशा की ज्योत जलाता है बाबुल !!
अपनी बिटिया की राहे हो पुष्पों से सजी,
इसीलिए स्वयं काटो पर चलता है बाबुल !
अपनी रूठी हुई बिटिया को मनाने के खातिर,
नए नए तरीको को अपनाता है बाबुल !!
जब बिटिया बीमार पड़े चैन बाबुल को ना आवे,
रह रह कर बिटिया पर प्यार जताता है बाबुल !
अपनी बिटिया की एक मुस्कान पाने के खातिर,
दिन रात उसके चेहरे को निहारता है बाबुल !!
बिटिया कभी खिलखिला के हस दे तो,
उसके चेहरे की चमक देख खुश होता है बाबुल !
बिटिया एक दिन चली जाएगी यह,
सोच के ही घबरा जाता है बाबुल !!
अपनी बिटिया के जीवन में उमंग और उत्साह,
पल पल संजोकर भरता है बाबुल !
फिर भी अपनी बिटिया का घर बसाने का,
दिल में एक सपना सजाता है बाबुल !!
फिर बिटिया का घर बसाने के खातिर,
दर दर की ठोकरे खाता है बाबुल !
अपनी बिटिया के दामन को खुशियों से कैसे भरू,
दिन रात इसी कोशिशो में रहता है बाबुल !!
बिटिया के खुशियों पर आंच आये जो कभी,
तो इस दुनिया से अकेले ही लड़ता है बाबुल !
इसी तरह बाबुल के दिनचर्या में,
हर पल बिटिया का ख्याल करता है बाबुल !!
बाबुल की हर छोटी बड़ी जरूरतों का,
नित दिन ख्याल रखती बाबुल की बिटिया !
दोनों की दुनिया बस छोटी सी थी,
बाबुल के लिए बिटिया उनकी हीरा सी थी !!
ईश्वर से भी पहले था बिटिया के लिए उसका बाबुल,
बाबुल के संग में खुश थी बिटिया !
बिटिया के रंग में रंगा था बाबुल,
दो दिल एक जान थे बाबुल और बिटिया !!
फिर एक दिन उस बिटिया के जीवन में,
एक आंधी थी ऐसी आई !
उस बिटिया के जीवन से,
उसके बाबुल की थी अंतिम बिदाई !!
इस कुदरत को था कुछ और ही मंजूर,
बाबुल चला था अपनी बिटिया से दूर !
बाबुल ने सपना सजाया था अपनी बिटिया कि बिदाई का ,
लेकिन आज ये कैसी घडी आयी थी !!
बिटिय़ा करे अंतिम बिदाई अपने बाबुल का ,
असहनीय पीड़ा बिटिया के जीवन में आयी थी !
सुख पल में दुःख में बदल गया,
बिटिया का रोम रोम तड़पने लगा !!
निष्ठुर नियति भी काप उठी,
अपने लिखे पर अब वो पाछतायी !
लेकिन अपने लिखे को बदल न पायी,
जिस बिटिया के आँखों में आशु बाबुल को था न मंजूर !!
उसके बिलखने की आवाज सुन न सका था मजबूर,
ऐसा लगे सारी शृष्टि रोये बिटिया के संग !
सारा जग मचाये हाहाकार बिटिया के संग,
ईश्वर हुआ नतमस्तक बिटिया के आगे ,
लेकिन निर्दयी वो भी हुआ न सहाय !!
बिटिया कहे कहा गया मेरा बाबुल,
बिटिया ढूंढें कहा गया मेरा बाबुल !!
बाबुल के सपने सब मिट्टी में मिले,
बिटिया की खुशिया सब मिट्टी में मिले !
इतने प्यार से अपने अरमानो को बाबुल ने था सजाया,
पूरा कर न सका सोचकर तड़पे बाबुल की बिटिया !!
बाबुल के लिए उसकी बिटिया थी सब कुछ,
बिटिया के लिए उसका बाबुल था सब कुछ !!
निराशाओ ने जीवन बिटिया का घेरा,
बाबुल से जब उसका दामन है छूटा !
Rohini Tiwari
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