Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

सफलता

 

जो गिरते रहे, सँभलते रहे ,
उन्ही लोगो को मिलती,
सफलता यहाँ !!
जो उड़ते रहे , ढूंढते रहे,
उन्ही परिंदों को मिलते,
आशियाने यहाँ !!
जो हसते रहे , हसाते रहे,
उन्ही लोगो को मिलती ,
हसरत यहाँ !!
जो सच्चे रहे , अच्छे रहे
उन्ही लोगो को मिलती ,
इज्जत यहाँ !!
जो जागते रहे, जगाते रहे ,
उन्ही लोगो को मिलती,
रोशनी यहाँ !!
जो गम सहते रहे, हसते रहे
उन्ही लोगो को मिलती,
खुशिया यहाँ !!
जो चलते रहे , लड़ते रहे
उन्ही लोगो को मिलती ,
मंजिले यहाँ !!
जो पढ़ते रहे , सीखते रहे
उन्ही लोगो को मिलता,
ज्ञान यहाँ !!
जो महकते रहे , महकाते रहे
उन्ही लोगो को मिलता ,
गुलशन यहाँ !!
जो गरजते रहे , बरसते रहे
उन्ही लोगो को मिलता ,
सावन यहाँ !!
जो अपने रहे, अपनाते रहे
उन्ही लोगो को मिलता ,
अपनापन यहाँ !!
जो सजाते रहे , सवारते रहे
उन्ही लोगो को मिलता,
यौवन यहाँ !!
जो गीत गाते रहे , गुनगुनाते रहे
उन्ही लोगो को मिलता,
सरगम यहाँ !!
जो संग में रहे , जीते गए
उन्ही लोगो को मिलता,
साथ यहाँ !!
जो सत्य रहे , नित्य रहे
उन्ही लोगो को मिलता,
सत्संग यहाँ !!


meri ye kavita mere swargiya pitaji ki yaad gari me

 

Rohini Tiwari

 

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