Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

सफ़र

 

जिंदगी का सफ़र है, ये कैसा सफ़र,
कभी खट्टा लगे, कभी मीठा लगे !!
जिंदगी मे रिश्ते बहुत है मगर,
कभी सच्चे लगे, कभी झूठे लगे !!
जिंदगी की लड़ाई बड़ी है,
कभी मुश्किल लगे, कभी आसान लगे !!
जिंदगी की सरिता गहरी है ,
कभी आर लगे, कभी पार लगे !!
जिंदगी की राहो मे, राही मिलते है ,
कभी अपने लगे, कभी पराए लगे !!
जिंदगी मे सुमन खिलते है ,
कभी महकने लगे, कभी मुरझाने लगे !!
जिंदगी मे खिलौने बहुत है ,
कभी टूटने लगे , कभी बिखरने लगे !!
जिंदगी के सपने बड़े है,
कभी पूरे लगे , कभी अधूरे लगे !!
जिंदगी के किनारे बहुत है ,
कभी पास लगे, कभी दूर लगे !!
ज़िंदगी तो अपनी लगती है मगर,
कभी खुशिया लगे , कभी गम लगे !!
जिंदगी मे चहरे बहुत है मगर,
कभी खोटे लगे , कभी मुखौटे लगे !!
जिंदगी मे गुलशन बहुत है मगर,
कभी उपवन लगे, कभी पतझड़ लगे !!
जिंदगी की चमक रोशन है मगर,
कभी हीरा लगे, कभी पत्थर लगे !!
जिंदगी मे खुशिया बहुत है मगर,
कभी उदास लगे , कभी उत्साह लगे !!
जिंदगी में आशाए बहुत है ,
कभी निराशा लगे ,कभी हताशा लगे !!
जिंदगी की वारिधि खरी है ,
कभी अमृत लगे ,कभी हलाहल लगे !!
जिंदगी की यामिनी काली है ,
कभी सारंग लगे, कभी भास्कर लगे !!

 

 

 

meri ye kavita mere swargiya pitaji ki yaad gari me

 

Rohini Tiwari

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