जीवन में संघर्षो की घड़ियाँ जब आती है,
व्यक्तित्व में नया निखार लाती है !
अनजान मंजिले होती है,
राहे जानी पहचानी बन जाती है !
जब दुर्गम लगे पथ जीवन का,
हौसले अपनी उड़ाने भरती है !
कुछ नया सीखने की उम्मीद,
जीवन जीने की कला,
ये सारी बाते संघर्षो से ही,
सीखी जाती है !
मन में उमंग जीवन में तरंग,
हार के बाद जीत और उसी जीत को,
कायम रखने की जिद,
संघर्षो से ही मिलती है !
इन संघर्षो से घबराना कैसा ?
डरना कैसा ,और हारना कैसा ?
गलतियों से ही सीख मिलती है !
ठोकरे खाने के बाद ही मंजिले मिलती है,
हर नयी सुबह का मुस्कुराकर स्वागत करो,
जीवन के हर पल का आनंद उठाओ !
खोलो अपनी बाहे संघर्ष को गले लगाओ !
क्योंकि जब जब जीवन में संघर्ष आता है,
व्यक्तित्व में नया निखार लाता है !
हमें कुछ नया सिखा जाता है ,
नए मकसद को लाकर नयी राहे दिखा जाता है !
तिवारी रोहिणी विश्वनाथ
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