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Dr. Srimati Tara Singh
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वैलेंटाइन डे

 

 

वैलेंटाइन डे

 

 

 

 

फरवरी का महीना आया ,

नवजवानो का महीना आया !

रोज डे चॉकलेट डे ,

प्रोमिस डे और टेडी डे !

और न जाने कौन कौन से डे,

अंततः आता वैलेंटाइन डे !

जिसका इंतजार करते ,

आज के यूवा हर डे !

ये सारे डे याद होते है,

पर मातृ - पितृ पूजन दिवस !

किसी को भी याद नहीं,

भारतीय सभ्यता और संस्कृति !

को भुलाते आज के युवा हर डे ,

कैसी ये दोस्ती कैसा ये डे !

पल भर में विसरते वेरी इम्पोर्टेन्ट डे,

१४ फेब याद दिलाने कि जरुरत नहीं !

क्यूंकि होता वैलेंटाइन डे ,

अंग्रेजो ने लगायी थी फ़ासी इसी डे !

हमारे वीरो को चढ़ाई थी फसी इसी डे,

इनके लिए था अपना देश ही वैलेंटाइन डे !

पर आज के युवा भुलाते उन्ही की कुर्बानी डे,

कैसा ये डे और कैसे ये युवा !

सोच हैरान हु मैं हर डे,

क्या पता कब ये जानेंगे !

क्या पता कब ये मानेंगे ,

है ऊची शान अपने ही डे में !

अरे युवायो अपनी आँखे खोलो,

डूबते हुए देश को बचालो !

अपनी शान और मर्यादा को,

यु दुसरो कि सभ्यता !

अपनाकर ना खो दो ,

यही गुजारिश मेरी यही प्रार्थना मेरी !

है नमन दिवस शहीदो का ,

करो नमन हमारे शहीदो का !

वैलेंटाइन में क्या रखा है ,

दिल का सुख चैन कहा मिलता है ?

नमन करो एक बार दिल से,

है दावा मेरा मिलेगा !

सुख चैन तुम्हे !

इस बारे में दिल से सोचो समझो,

नहीं तो क्या आगे डे तुम्हारा !

हर डे तुम्हारा हर डे तुम्हारा !

वही वैलेंटाइन डे तुम्हारा ,

शहीदो को नमन मेरा !

और तुम्हे मुबारक वैलेंटाइन डे तुम्हारा !

वैलेंटाइन डे तुम्हारा !!

 

 

 

Rohini Tiwari

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