Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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एहसास हुआ

 

 

ahsas

 

एहसास हुआ कि शायद वह आया है
क्यो याद आता है जिसने सिर्फ रुलाया है


दिल तोडना ही था तो और भी बहाने थे
इल्जाम बेबफाई का क्यों लगाया है


सीने मे सहतेे रहे दर्द औ सितम
हंसने की चाहत ने हमे खूब रुलाया है

 


रूपा शर्मा

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