अगर कुछ सीखनाहै तो
गुरू की शरण मे आ भाई
गुरू ही राह दिखलाता
गुरू ही पिता और माता
किसी का मान करना है
गुरूकी शरण मे आ भाई
ञान की बात बतलाते
वो ही सन्मार्ग दिखलाते
रख तू गुरू चरणों मे ध्यान
गुरू की शरण मे आ भाई
जिन्होने तैरना सीखा
वही भव पार होते है
कर सबका तू सम्मान
गुरू की शरण मे आ भाई
रूपा शर्मा
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