न दूर तुम हो न दूर हम हैं
दरमियां कुछ है तो बस
मजबूरियों के फासले हैं
दो कदम बढाओ तुम
दो कदम हम बढें तो
मिलने के ये ही दो रास्ते हैं
रूपा शर्मा
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न दूर तुम हो न दूर हम हैं
दरमियां कुछ है तो बस
मजबूरियों के फासले हैं
दो कदम बढाओ तुम
दो कदम हम बढें तो
मिलने के ये ही दो रास्ते हैं
रूपा शर्मा
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