Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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Rupa Sharma

 

 

  • न दूर तुम हो न दूर हम हैं
    दरमियां कुछ है तो बस
    मजबूरियों के फासले हैं
    दो कदम बढाओ तुम
    दो कदम हम बढें तो
    मिलने के ये ही दो रास्ते हैं

     

  • इस दिवाली पर एक दिया ऐसा जलाया जाए
    बाहर के अंधेरे के साथ अंदर का अंधेरा बुझाएं
    अपनी खुशी के साथ तो खुश होते हैं सब हीं
    कुछ खुशियां हम दूसरों पर भी लुटाएं

     

  • सिंधू सी गरजती सिंधू ने वो कर के दिखलाया है
    भारत की बेटी कैसी हैं ये सबको बतलाया है

    देख लो दुनिया वालो बेटी भारत की जिंदा हैं
    हिंदुस्तान नही बोलेगा कि हम शर्मिन्दा हैं

     

  • तुम खुश हो, वजह बहुत सी होंगी
    हमारी उदासी की वजह बस एक है
    और वो तुम हो

     

  • हम डूबे वहां जहां पानी कम था
    पर साहिल ने हाथ ही नही थामा
    तब डूबना ही सही था
    ताउम्र गुजार दी हमने उसे अपना
    समझने के लिए
    हकीकत थी कि वो अपना ही नही था

     

  • जिंदा थे तो बटवारे मां बाप के किए बच्चों ने
    मरने पर हक अपना जता रहे हैं
    सुना है कुछ जयदाद छोड कर गये हैं

     

  • deepawali

  • घी के दिए ऩही अबकी स्नेह के दीप जलाए.
    आओ दीवाली मनाएं.
    द्वेष भावना मिटा कर दिल से.खुशी के दीप जलाएं
    आओ दीवाली मनाए.

 

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