कभी दुर - दुर तक सोचते रहे
करीब आने के मौके के भी नसीब
ना हो सके...
पास आये तो भी जमाना बुरा,
जुदा रहें
एक अधुरी सी कहानी में हम - तुम
जिंदा रहें. . .
खत्म ना हुए तुझे पाने की चाहते
उल्झे पडे रहे रिश्ते बडे, नजर ना
आये हमे कोई रास्ते. . .
हर पुरानी वो तेरी याद से दिन
गुजरते गये
तुझे पाने की तमन्ना मे हम
खुद से खफा, तडपते रहें. . .
प्यार था मगर दोनों ही
तन्हा ही रहें
वक्त की बिती घडी में एक
दुसरो को ढूँढते रहें...
आशिकी ये मेरी, हर सांस थी तेरी
हर हसीन लम्हा तु चुरा ले गयी. . .
चल गये तुम कहा
दर्द के सहारे दिल का
जहाँ
इंतजार भी तेरा
सदियों से ना हुआ पुरा
ना दिखी कोई उम्मीद की
रोशनी रह गयी सदा
"हमारी अधुरी कहानी"
:- रुपेश सावर्डेकर
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY