अधुरापन सा जीना होता है
जब किसी की यादें हर रोज
तडपाती है...
यह जिंदगी तो यु ही चलती रहती है
मगर हजारों कमीयो मै सबसे बडी
कमी ये कमजोर दिल की होती है...
लोग आते है जिंदगी मे यादें लेकर
और जाते है कुछ यादें देकर...
मगर ये यादे वापीस ना लौट के
आ सकती है ना वापीस लौटायी
जा सकती है....
भीड मै कोई अपना भी है
कोई पराया भी है...
अपनों ने हमे इस कदर लुटा के
पराया इन्सान भी अभी अपनाया
नही जा सकता...
बडी अजीब सी चाह होती है इस
दिल की चाहत वही है जो क़िस्मत
मे नही होता और हासील वही करता
है जिसकी चाह नही होती...
कहने को तो हम आशिकी के मारे है
हजारो जन्म के बाद भी उसके
दिवाने है...
जाते- जाते लोग कह तो जाते है
हमारे सिवा आपको जिना होगा
दर्द मे मुस्कुराना होगा ...
पर नादान कौन
समझाये उन्हे,
जीना तो उन्हीं से
सिखा और दर्द मे मुस्कुराना भी
उनकी एक मुस्कुराहट ने सिखाया...
सफर तो मिला है जिंदगी का
भटकी हुयी कुछ आवारी गलियों का
ना जीने की तमन्ना है
ना मरने की ख्वाहिश
फिर भी यादों मै कैद ये जिंदगी
एक जिंदा लाश है....
:- रुपेश सावर्डेकर
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