Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बेवजह की बतकही अच्छी नहीं

 

 

बेवजह की बतकही अच्छी नहीं
हर किसी से दुश्मनी अच्छी नहीं

 

बंदगी करनी ही है तो मां की कर
पत्थरों की बंदगी अच्छी नहीं

 

आप सुख के फूल चुनते हैं मगर
इस बखत मेरी स्थिती अच्छी नहीं

 

रोज दंगा रोज बल्वा हो जहां
यारों ऐसी सरजमीं अच्छी नहीं

 

एक दिल है और हैं आशिक कई
देख ऐसी दिल्लगी अच्छी नहीं

 

 

 

सागर यादव 'जख्मी'

 

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