जिसको पूजता संसार है
बेशक दया का भण्डार है
आज फिर आपसे मिलने को
मेरा ये दिल बेकरार है
रस्सी से बाँध दीजे उसे
जो इस देश का गद्दार है
तुम सही कीमत तो लगाओ
प्यार बिकने को तैयार है
-सागर यादव जख्मी
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जिसको पूजता संसार है
बेशक दया का भण्डार है
आज फिर आपसे मिलने को
मेरा ये दिल बेकरार है
रस्सी से बाँध दीजे उसे
जो इस देश का गद्दार है
तुम सही कीमत तो लगाओ
प्यार बिकने को तैयार है
-सागर यादव जख्मी
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