1.
किसी के इश्क मेँ तू जिँदगी अपनी कभी बर्बाद मत करना
कि अपने स्वर्ग से घर को कभी वीरान मत करना
कमाओ ढ़ेर सारे जर मगर इतनी खबर रखना
कभी तुम अपनी दौलत पर तनिक अभिमान मत करना
2.
गली सब देख डाली पर शहर पूरा नहीँ देखा
मुहब्बत के मुसाफिर ने कभी सहरा नहीँ देखा
कि जिस भाई के खातिर मैने अपनी किडनी बेची थी
वही भाई कई दिन से मेरा चेहरा नहीँ देखा
सागर यादव 'जख्मी'
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