Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्यार कभी झुकता नहीँ

 

सुशील बी.ए प्रथम वर्ष का छात्र था.सुशील सुन्दर और सुशील लड़का होने के
साथ ही साथ एक अव्वल दर्जे का चित्रकार भी था. एक दिन वह अपनी क्लास मेँ
बैठा अपने क्लास की ही सुनयना नाम की एक लड़की की तस्वीर बना रहा
था.सुनयना भी अपने नाम की अनुरूप बहुत खूबसूरत थी.उसकी क्लास के सारे
लड़के उस पर मरते थे मगर सुनयना सबको अनदेखा कर देती थी.जैसे ही तस्वीर
बनकर तैयार हुई अचानक हवा का एक झोँका आया और तस्वीर उड़कर सुनयना के पास
चली गई.सुनयना सुशील की कला से बेहद प्रभावित हुई और उसे अपना दिल दे
बैठी.

 

एक दिन सुशील जैसे ही कालेज से बाहर निकला सुनयना ने उसका रास्ता रोक
लिया.उसके कदमोँ मेँ गिरकर अपने इश्क का इजहार करते हुए बोली,"सुशील मै
तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.तुम्हारे बिन मै जीने की कल्पना भी नहीँ कर
सकती"
सुनयना की बात सुनकर वह उसे उठाते हुए बोला,"पगली,मै भी तुमसे बेपनाह
प्यार करता हूँ मगर इजहार करने से डरता था."यह सुनकर सुनयना की आँखोँ से
खुशी के आँसू निकल पड़े.सुशील ने सुनयना को अपने गले से लगा लिया.
उस दिन के बाद दोनोँ स्कूल जाने के बहाने पार्क मेँ जाते और एक -दूसरे की
बाहोँ मेँ घंटो गुजारते.इस बात की जानकारी जब सुनयना के घरवालोँ को पता
चली तो वे बौखला गए.
वे सुशील को मारने की योजना बनाने लगे.सुनयना इसका विरोध करते हुए
बोली,"यदि सुशील को कुछ हुआ तो मै आत्महत्या कर लूँगी." यह सुनकर सब
खामोश हो गए मगर सुनयना का भाई बड़ा होशियार था.वह सुनयना से बोला," दौड़
प्रतियोगिता मेँ अगर सुशील करन से जीत जाएगा तो मै तुम दोनोँ की शादी बड़ी
धूम-धाम से करूँगा."
करन सुनयना के भाई का दोस्त था.वह अपने क्षेत्र का मशहूर धावक था.सुनयना
अपने भाई की चुनौती स्वीकार करते हुए बोली,"ठीक है,तुम प्रतियोगिता
आयोजित करो.मेरा सुशील यह रेस अवश्य जीतेगा."

 

निर्धारित दिवस को दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की गई.वहाँ हजारो लोग उपस्थित
थे.सुशील और करन दौड़ना प्रारंभ किए.अचानक सुशील को एक ठोकर लगी और जमीन
पर गिर पड़ा.सुनयना का नाम लेकर वह प्रेमी एक बार फिर उठा और मशहूर धावक
करन को पीछे करते हुए प्रतियोगिता जीत गया मगर एक बार फिर सुशील जमीँ पर
गिर पड़ा.उसके मुँह से थोड़ा खून निकला और वह प्रेमी सदा-सदा के लिए आँख
मूँदकर सो गया.सुशील के मौत की खबर जब सुनयना को मिली तो उसने भी जहर
खाकर अपने प्राण त्याग दिए.यह दृश्य देखकर वहाँ उपस्थित सभी की आँखेँ नम
हो गई.ग्राम प्रधान की अगुवाई मेँ सुशील और सुनयना की शादी कराई गयी और
उनके शव को एक साथ जलाया गया.

 

 

सागर यादव 'जख्मी'

 

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