Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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उस ने जब आइना गिराया था

 

उस ने जब आइना गिराया था .
आइना चीख भी न पाया था
मेरी हालत है देखने वाली
मैं उसे देखने को आया था
भर गई काइनात भी उस में
मैं ने बस दाइरा बनाया था
उस को देखा था रात सोते समे
खाब यह जागते में आया था
मैं मिला था वजूद से अपने
लोग कहते हैं मुझ पे साया था
.....शाहिद बिलाल .....

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