| Jul 16, 2020, 2:55 PM (1 day ago) |
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पढ़ाई का बोझ इतना भी नहीं
जितना बड़े स्कूल का दिखावा जरुरी हो गया।
माँ वाप के दिखावटी स्टेटस के सामने
न चाहते हुए दादा दादी का लाड कम हो गया।
घर परिवार और गांव छोड़ने का बहाना है पढ़ाई
पता नहीं क्यों बच्चों को पूरा दिन पढ़ना जरुरी हो गया।
आज आप ने घर परिवार को छोड़ दिया
ये देख बच्चा भी इसी माहौल में ढल जाएगा।
कही ऐसा न हो आज जो आप ने किया कल वो भी
आप को अकेला छोड़ कर कही और निकल जायेगा।
ऐसी भी क्या शिक्षा दी जा रही कि
हर दिन एक न एक घर तोड़े जा रही है।
जिंदगी तो जीना है जी ही लेंगे
बच्चों को सिखाओ माँ वाप को छोड़कर
बताओ कहा हम खुश रह लेंगे।
इतने अच्छे माँ वाप मत बनो
कि अपनी औलाद के लिए बूढ़े माँ वाप
को अकेला ही छोड़ जाओ।
जब बूढ़े माँ वाप के लिए
इतने निर्दयी हो तो जरा अपने
छोटे बच्चे तो हॉस्टल में अकेला छोड़ कर दिखाओ।
अपनी औलाद के नाम पर रूह काँप जाती है
माँ वाप को अकेला छोड़ते समय
जरा सी भी शर्म नहीं आती है
साक्षी राय
तेंदूखेड़ा जिला नरसिंहपुर
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