आँखे आईने की तरह है ,जो दिल की हर बात बयां कर देती है .....
यह लब चाहे झूठ बोल भी ले,पर यह आँखे सच बोल जाती है ...
आँखे होती है दिल की जुबां जो कह जाती है दबी हुई हर बात को
कभी यह आँखे गम में आंसू बहाती है ,तोह कभी ख़ुशी में यह आँखे चमक सी जाती है ……
आँखे कह देती है कई अनसुनी कहानिया और राज़ .....
जो कभी कह ना पाये यह अलफ़ाज़ .......
इन् आँखों से लगती है यह दुनिया कितनी रंगीन ....
आँखों से देखो तोह समझ आता है यहाँ ज़िन्दगी कभी है मीठी ,तोह कभी है नमकीन ..
कवित्री
संचिता
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