Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अर्जियां -11

 

माता पिता का रिश्ता इस दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता होता है
इस रिश्ते में माता पिता के प्यार में जैसा पूरे संसार की ख़ुशी होती है
जो वंचित रह गया माता पिता के इस रिश्ते से ?उसका यह जीवन अधूरा रह गया बिन माता पिता के....
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जीना भूल जाता है इंसान अपने इस आज को ..
ना जाने कैसे खो जाता है वो बीते हुए पलो में …
और इन सब में अपने जीवन को आधा कर देता है वो कल की चिंता में ..
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उनकी एक मुस्कराहट में जैसे हर ख़ुशी हम अपनी ढूंढ लेते है ...
उनकी खामोश निघाओं को हम बेजीजक पढ़ लेते है..
पर जब उनसे जुदा होने का ख्याल आता है
तोह हम अपने आंसुओं पे काबू जैसे खो से देते है .
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-बेवफाई तूने किया और इलज़ाम का तोहफा हमको दिया .
तू ना समझा कैसे हर पल तेरे बिन तन्हा मैं था जिया .
.तेरे दर्द का असर इतना हुआ की हमको शायर तक बना दिया

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-यह जीवन एक उपन्यास की तरह है,
जहा हर किरदार अपना चरित्र निभा रहा है
और बीता हुआ पल यहाँ एक नयी कहानी बना रहा है

 

 

 

Written and Copyrighted by
Sanchita

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