ख्वाइशें पंख लगा कर उड़ना चाहती थी
हर गमो को भुला कर हसकर वो जीना चाहती थी
हर हार से लड़ना वो जानती थी.
वो अजब जज़्बीदार लड़की थी
अन्धेरो में भी उजाला करना उसको आता था
हर बेसहारा की मद्दद को तैयार रहतीथी
हर हालत में भी ख़ुशी बाटने की वो कला जानती थी
लगता ऐसा था जैसे कोई जादू जानती थी
ना जाने क्या तूफ़ान आया एक दिन
ना जाने कैसे उसको तूफ़ान झगझोड़ गया
लड़की ने हिम्मत दिखाई और खुद को संभाला
शायद यह भगवान का एक इम्तिहान था
तूफ़ान ही बाद में बारिश की बौछार भी दे गया
जो उसमें नयी उमीदों को जगा गया
फिर बारिश की झमझमाहट उसको उसकी ख़ुशी भी दे गया
और ज़िन्दगी उसको हर हालातो से लड़कर जीना सीखा गया
संचिता
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