सबके जीवन में हो उजाला
फैल गयी चारो और दीपो की माला।
चलो इस दिवाली नफरत की हर दीवार को गिराए
भेद भाव ,उच्च -नीच को हटाए
कभी दूसरे के लिए भी कुछ कर दिखाए।
खुशिया सबके घर घर बाटे
धुआँ दुन्द्द वाले पटाकों से मुक्ति पाए
उत्साह और रौशनी का है यह त्यौहार
दुआ है हर किसी के चेहरे पे लाये यह मुस्कान।
सभी को दीपावली की हार्दिक शुबकामनाएं।
कवित्री -संचिता
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