कौन फैसला करता है की कौन यहाँ सही और कौन गलत है ??
हर किसी के लिए यहाँ सही गलत की अपनी- अपनी परिभाषा है
हम गलत है अगर ,तोह उसको सुधारने की ज़िमेदारी भी हमारी है...
यहाँ कौन करेगा निर्णय की कौन सही और कौन गलत है ?
गलतियां इंसान को अपनी कमज़ोरियों से लड़ना सिखाती है ..
फिर क्यों आज भी कमज़ोर को दबाया जाता है ?
यहाँ तोह जो पैसेवाला वही सही कहलाता है ?
फिर क्यों इंसान आज भी अमीर और गरीब के इस चक्र में ही खो जाता है ??
फिर क्यों आज भी नारी यहाँ इन्साफ को तरसती है ?
फिर क्यों आज भी मासूम बेटी माँ की कोख में मरती है ?
यह सवाल मुझे अब भी आता है , की कौन सही और कौन गलत यहाँ कहलाता है ??
कवित्री
संचिता
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