रिश्तों की कश्ती ने ,सँभालने का हुनर सिखाया
ख़ुशी की तलाश ने ,अपनों से दूरियों को जैसे बढ़ा दिया
रंगमंच की इस दुनिया में,हर कोई जैसे अपने किरदार को निभाने में रमा हुआ था
हर कोई यहाँ कोई चाहत की आस में जी रहा था
संचिता
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रिश्तों की कश्ती ने ,सँभालने का हुनर सिखाया
ख़ुशी की तलाश ने ,अपनों से दूरियों को जैसे बढ़ा दिया
रंगमंच की इस दुनिया में,हर कोई जैसे अपने किरदार को निभाने में रमा हुआ था
हर कोई यहाँ कोई चाहत की आस में जी रहा था
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