Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शायरिया -10

 

 

s10

 

 

जब दो इंसानो के बीच ख़ामोशी जगह बना लेती है
तब रिश्ता कितना मज़बूत है यह इम्तिहान भी वो ले लेती है

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यह इंसान की फितरत को समझना कितना कठिन है
जब ज़रूरत होती है तब यह इंसान हर दूसरे इंसान से काम अपना निकलने के लिए उसका हमदर्द बन जाता है
फिर इंसान की ज़रूरत जब खत्म हो जाती है तब वो दूसरे की खामियों को गिनवाता है

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ना करो भरोसा किसी पे आसानी से
यह दुनिया जानती है दिल को तोड़ना अपनी बेईमानी से
भरोसा हो अगर सही इंसान पे तोह किसी अनजान से भी रिश्ता जुड़ जाता है बड़ी खूबसूरती से

 

तू दुआ ना कर पाया मेरे लिए तोह क्या हुआ ?
तेरी नफरत और बद्दुआओं ने हमको अब इतना मजबूत कर दिया है
की पत्थर मुझसे पूछता है ,की यह हुनर कहा से पा लिया ?

 



Written and Copyrighted by Sanchita

 

 

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