Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

शायरियां-७

 

 

shayariyan

 

 

हर पल लड़ना है ज़िन्दगी....

यहाँ ख़ुशी से जीना है बंदगी...

सचाई सिखाती है क्या होती है सादगी....

--------------------------------------------------------------------------------

ख़ामोशी का दामन अब थाम लिया था....

जो रास्ता तेरी ओर जाता था उसका रुख अब मोड़ लिया था...

तेरे हर शिकवे को हमने अब भुला दिया था...

खुद अब अकेले सफर चलना होगा यह हमने सीख लिया था...

------------------------------------------------------------------------------- ..

सफर आगे का कठिन था ..

हमे चलते रहना है यह हमे पता था.

डूब कर भी किनारा पाना है...

हमने अब यह ठान लिया था ....
--------------------------------------------------------------------------------
दर्द सहने की हद्द जब हो जाती है...

हर जज़्बात की जैसे नुमाइश सी हो जाती है ...

ज़िन्दगी अचानक कश्मकश में क्यों खो जाती है....

ऐसा लगता है चंद लम्हों में ज़िन्दगी सिमट सी जाती है...

----------------------------------------------------------
Written by Sanchita Ghosh

 

 

 

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ