Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

शायरियां --६

 

 

shayariyan

 

जो बीत गया उसकी सोच में क्यों तू आंसू बाहा रहा है ...
तू इंसान है तू हिम्मत से ज़िन्दगी को जीना है

जो बीत गया उसकी सोच में क्यों तू आंसू बाहा रहा है ...
तू इंसान है तू हिम्मत से ज़िन्दगी को जीना है .,क्या तू यह सच्च भूल गया है ??
--------------------------------------------------------------------------------------------------------------

हर पल मन है उनकी यादों में ग़ुम ...
उनके इंतज़ार में मैंने लिए कई ख्वाइशों को बुन्न ..
अब ज़िन्दगी को जैसे मिल गई हो कोई नई सी धुन ...

_---------_--------------------------------------------------------------------------------------------------

दिल कहता है तुझसे अभ रिश्ता लू जोड़ ....

यह मेरा प्यार का रिश्ता तू चाह कर भी ना पायेगा इसको तोड़.

रिश्ता दिल का है ना समझ तोह इसको इतनी कच्ची डोर.
.-------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऐ इंसान !! खुदा ने इस दुनिया में तुझे अच्छाई फैलाने केलिए दिया तुझे जीवन ...

पर बुराई की संगत में भूल गया तू अपना ईमान...

कैसे हो गया इतना अंधा तेरा स्वाभिमान..

---------------------------------------------------------------------------------------------------------------

हर पल मन है उनकी यादों में ग़ुम ...
उनके इंतज़ार में मैंने लिए कई ख्वाइशों को बुन्न ..
अब ज़िन्दगी को जैसे मिल गई हो कोई नई सी धुन ...

_---------_--------------------------------------------------------------------------------------------------

दिल कहता है तुझसे अभ रिश्ता लू जोड़ ....

यह मेरा प्यार का रिश्ता तू चाह कर भी ना पायेगा इसको तोड़.

रिश्ता दिल का है ना समझ तोह इसको इतनी कच्ची डोर.
.-------------------------------------------------------------------------------------------------------------
ऐ इंसान !! खुदा ने इस दुनिया में तुझे अच्छाई फैलाने केलिए दिया तुझे जीवन ...

पर बुराई की संगत में भूल गया तू अपना ईमान...

कैसे हो गया इतना अंधा तेरा स्वाभिमान..

 

 

 

 

 By---Sanchita Ghosh

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ