तेरे आने से जैसे मेरे लब फिर से मुस्कुराएं
तेरे आने से जैसे गम के हर बादल छठ गए
तेरे आने से जैसे मेरे जीवन में गुल खिल गए
तेरे आने से जैसे हम खुद को ही भूल से गए
तेरे आने से जैसे तेरे संग बिताये हुए
पलो की यादो में हम खो से गए
तेरे आने से जैसे मेरी हर उम्मीद को पंख मिल से गए
तेरे आने से जैसे इन फ़िज़ाओं में प्यार की खुशबु समाये
तेरे आने से लगा खुदा से की हर दुआ कबूल हुए
कवित्री
संचिता
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