Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वक्त का बदलाव

 

 

waqt

 

वो वक्त शायद नहीं था मेरा जो बीत गया था
उस वक्त में एक पल के लिए मैं हार गयी थी
एक पल के लिए कदम डगमगा गए थे
फ़िर भी उस वक्त ने आगे चलना सिखाया था।
सफर में अकेला चल रही थी मैं लेकिन ;हिम्मत ने संभाला था
वो वक्त शायद नहीं था मेरा िजसने मुझे जिंदगी क्या होती है यह समझाया।
दर्द से एक नाता सा जुड़ गया था ए
उस वक्त ने तन्हाइयो में जीना सिखाया था
वो वक्त ही था जिसने हर मुश्किल में बढ़ना सिखाया।
लोग कहते है वक्त हऋ है जो इंसान को मज़बूत बना देता हैए
ये वक्त का असर है कि आज हर मुश्किल का डटकर सामना करना आ गया है
यह वक्त ही है िजसने हर पल को जीना ऋसखाया है।
अब तूफ़ान में किनारा पा लेने का खुद को भरोसा है
यह वो वक्त ही है जिसने जीना सिखाया है

 

 


लेखिका ---संचिता

 

 

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