सारी दुनिया से बडा,पिता का बाहुपाश ।
दो हाथो के सामने, छोटा है आकाश ।।
बदल गई है जिंदगी, पापा की इक बात।
स्वाभिमान की सीख है,बहुत बडी सौगात ।।
अनुभव अपने दे दिए, और दिया मधुमास।
हर कदम पर पिता बने , संबल औ' विश्वास ।।
जिनकी आंखों मे छुपा, कुछ गुस्सा कुछ प्यार ।
पर पापा के हृदय मे, प्यार, प्यार बस प्यार।।
इक छोटी सी बात पर, जब मै हुआ अधीर ।
हाथ पकड़ कर पिता ने, हर ली सारी पीर।।
मुझ पर न्यौछावर करी ,अनुभव की सौगात ।
पापा के आशीष से, हुई कहीं ना मात।।
@संदीप सृजन
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