कभी गधों के सिर सजे, घोडों वाले ताज।
लेकिन चला नही सके, गधे अश्व का राज।।
सत्ता की शतरंज मे,ये कैसे है दाव ?
प्यादो को खलने लगे, हाथी घोडों के पाँव ।।
@संदीप सृजन
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कभी गधों के सिर सजे, घोडों वाले ताज।
लेकिन चला नही सके, गधे अश्व का राज।।
सत्ता की शतरंज मे,ये कैसे है दाव ?
प्यादो को खलने लगे, हाथी घोडों के पाँव ।।
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