Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

नया प्रयोग ....सांकली दोहे ...

 

शब्द शब्द मे खोजते, हम ब्रह्मा का वास ।
शब्द शब्द मे है भरा, जीवन का उल्लास ।।

 

जीवन का उल्लास है, प्रेम शब्द मे खास ।
घृणा शब्द देता सदा, तन मन को संत्रास ।।

 

तन मन को संत्रास दे, या दे हम उल्लास ।
दोनो में किसको चुने, शब्द हमारे पास।।

 

 

@संदीप सृजन

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ