Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्रकृति कोप पर क्षणिकाएं...

 

जब से
गंगा मे आया सैलाब
तब से आंखो मे
नही आते ख्वाब
###################
अपनों की
तलाश है
सामने पढ़ी
पराई लाश है
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प्रकृति के कोप ने
सबको रुलाया
किसी नेता की आँख मे
सैलाब नही आया

 

 

 

@संदीप सृजन

 

 

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