हरी भरी धरती रहे, हर आँगन हो फूल।
गुलमोहर की छांव मे, जीवन हो अनुकूल ।।
इमली,केरी,आवला , रायण,बेर खजूर ।
जब तक आँगन मे रहे,खुशियाँ थी भरपूर ।।
@संदीप सृजन
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हरी भरी धरती रहे, हर आँगन हो फूल।
गुलमोहर की छांव मे, जीवन हो अनुकूल ।।
इमली,केरी,आवला , रायण,बेर खजूर ।
जब तक आँगन मे रहे,खुशियाँ थी भरपूर ।।
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