तुम मेरे सपनो में
रोज़ आया करो
आज - कल मैं
कल्पनाओ में जीता हूँ ........
ये ह्कीकत की दुनिया
नहीं दे पाती दो पल सुकून
सांसारिक रिश्ते
जोड़े रहते हैं हमें
कुछ स्वार्थो के तहत
मै स्वार्थी दुनिया से दूर
सपनों की दुनिया बनाना हूँ
तुम मेरे सपनों में ...............
सपनों के चित्र होते बड़े विचित्र
हर रंग,हर रूप और आकार लिए
सपने हकीकत न सही
सम्पूर्ण सुख का अहसास लिए
खड़े होते हैं अक्सर
और उनमे होती है तुम्हारी
"अनमोल छवि"
तुम उस वक़्त दिखती हो-
एक अनमोल परी
और चुपके से
तुम्हारे आँचल में खो जाता जाता हूँ
तुम मेरे सपने में ..............
संदीप तोमर
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