आ गयी जनवरी हर बात नयी होगी
हर दिन नया होगा अब रात नयी होगी।
दोस्त जो पुराने है यादो के फसाने है
रूठने मनाने का दौर नया होगा मुलाकात नयी होगी।
प्राइमरी पे बनती खिचड़ी खिचड़ी मे मिले किड़े
ड्रेस नया होगा और किताब नयी होगी
कालेज में मिलते युगल की बात नयी होगी
हबाने नये होगे माँ- बाप की डाट नयी होगी।
देश के घोटाले तिजोरियो के ताले
हर मुद्दा नया होगा अब जाच नयी होगी
राजनीति के कर्णाधार हो देश का उद्धार
वादे नये होगे कुछ बकवास नयी होगी
Sandeep Albela
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY