समझ के घटना की गहराई
पुलिस सही समय पर आयी
भई गज़ब हो गया
माट साहब ने गज़ब कर डाला
बिन डोनेशन एडमिशन दे डाला
भई गज़ब हो गया
जब तबियत मेरी गड़बड़ायी
डा० ने लिखी सही दवाई
भई गज़ब हो गया
दादा जी की पाई-पाई
बिना घूस खाते मे आयी
भई गज़ब हो गया
जब हरी दर्शन की बारी आयी
बिना चढ़ावे एण्ट्री पायी
भई गज़ब हो गया
देख कलयुग मेरी आखे चकराई
नेता जी ने वादो की लाज बचाई
भई गज़ब हो गया
००संदीप अलबेला ००
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