दिल मेरा आज कल मुझसे कुछ दूर है,
अपनी आदत के आगे ये मजबूर है,
मर तो जाये जहर खा के दो पल में हम,
मगर पढ़ के मरना, इसको मंजूर है ।।
हम भी बन जाये Doctor इसका शुरूर है,
अपनी पढ़ाई पर हमको बड़ा गुरूर है,
अब पड़ी जान आफत में तो आया समझ,
जान जाये तो जाये पढ़ना जरूर है
संदीप अलबेला
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