Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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संदीप "अलबेला "

 

 

  • _मोबाइल की रचनाएँ_

     

    दिल की कलियाँ सूखने लगीं हैं,
    बड़े दिन हो गए तेरा को टेक्स्ट नहीं आया,

     

    यकीन नहीं होता कि तूने याद नहीं किया होगा,
    लगता है मेरा फोन ही खराब हो गया है,

     

    तुझे क्या खबर, स्क्रीन पर देख नाम तेरा,
    आखों की ब्राइटनेस बढ़ जाती है,

     

    मैंनें ह्वाइटस्अप के सारे नोटिफिकेशन म्यूट कर दिए बस तेरा छोड़ कर,
    कम लोग होते हैं जिनकी किट किट भी अच्छी लगे,

     

    मै रोज नए नए सपने सलोने गढ़ता हूँ,
    तस्वीर तेरी फेसबुक हो गई है उसे हर रोज़ पढ़ता हूं,

     

    हर बार चौक जाता हूँ मोबाइल के नोटिफिकेशन पर,
    डीएनडी लगा रखा है हर मैसेज तेरा ही लगता है,

     

    अब तो स्विचड आफ मोबाईल को भी जगा कर चेक करता हूं,
    क्या पता तेरा कोई मिस्ड काल ही आया हो,

     

    जब कभी बोझिल हो जाती है शाम मेरी,
    तेरा लास्ट मैसेज भी रिबूट का काम करता है,

     

  • गालों पर रंग लगा के, वो दे गई मीठी गोली।
    वो मुस्करा के चली गई और दिल ने सजा ली रंगोली।
    उसके भाईयों ने पीट के नीला, पीला कर दिया।
    कुछ इस तरह से बीती है, अस्पताल में होली।

     

  • शहिद-ए-आजम चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर(27Feb) एक कुण्डलीया का प्रयास

    इस माटी में जन्म लिया, माँ भारती का लाल
    लिया रूप महाकाल का जब, दुश्मन हुवा बेहाल
    दुश्मन हुवा बेहाल करे अब कौन सामना
    बच जाये मेरे प्राण मांगे सब कामना
    कर्ज चुकाने को सपूत ने प्राण दे दिया
    आजाद थे, आजाद रहे, आजाद कर दिया

     

  • "घूम-घूम करें प्रचार, वस्त्र पहन के खादी
    लश्कर इनका ऐसे चले,जैसे आतंकवादी

     

  • humduberahe

हम डूबे रहे गुलाल और पकवान की मस्ती में
और चौक पर कोई निवाले को तरसता रहा

 

  • tum na aaye

 

रंगो की डोली आयी तुम न आये
गुलाल संग ठिठोली आयी तुम न आये
मन मोरा असुवन मे डूबा और तन कोरा रहा
खुशियो की होली आयी तुम न आये

 

 

  • galiyasuni

 

गलियाँ सूनी आँगन सूना
सूना घर संसार।
मेरे रोम-रोम में साजन
बसा है तेरा प्यार।

 

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