Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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संदीप "अलबेला "

 
  • तू कहता है कि मैं भूल गया तुझको,
    अपने जज्बात बताऊँ कैसे???
    तू जिन्दगी का खूबसूरत हादसा है,
    तुझे मैं भुलाऊँ कैसे.

     

  • नहीं चाहता तुझसे मैं तेरी बाहों का हार प्रिये,
    नहीं चाहता तुझसे मै चुम्बन की बौछार प्रिये,
    प्रेम दिवस के अवसर पर चाहत बस इतनी सी है!
    मिल जाये मेरे सारे पैसे जो तूने लिए उधार प्रिये,

     

  • अजगर जैसा निगल रहा है देश को भ्रष्टाचार,
    लोकतंत्र बिमार पड़ा है कौन करे उपचार,
    कौन करे उपचार? इस प्रश्न ने घेरा,
    जाने कब छटेगा तम होगा सवेरा,,

     

  • दिल में अपने आहों की, दुकान लागाये बैठा हूँ,
    अपनी खोटी किश्मत का, सामान सजाये बैठा हूँ,
    कोई पूछ न बैठे अश्को की वजह
    होटो पर अपने, नकली मुश्कान लगाये बैठा हूँ ।।

     

  • नाम गैरो का ले कर, मुझे जलाया न करो
    दिल लिया है मेरा तो तड़पाया न करो
    कहनी है तुमसे दिल की बात
    ठण्ड बढ़ गयी है ज्यादा रोज नहाया न करो

     

  • खुशनसीब होते है वो लोग जिनकी मुहब्बत मुकम्मल होती है ।
    वगरना मुहब्बत तो चाँद और चकोर भी करते हैं।।

     

  • हर बासुरी को होठ से प्यार नही होता
    निमंत्रण सबके दिलो का स्विकार नही होता
    डूबती है जहाँ, दिलो की, कश्तियॉ अक्सर
    वो किनारा होता है मझधार नही होता

     

  • हर हसीन चीज के तलबगार बहोत होते है।
    जिन्हे जरूरत नही मदत की उसके मदतगार बहोत होते है।

     

  • मेरी काव्य प्रतिभा का दर्पन तुम।
    बिम्ब ये छुपाया न जायेगा।

     

    मेरी स्मृतियो मे ,नैनो से जो नीर बहे।
    कर्ज प्रित का मुझसे ये चुकाया न जायेगा।

     

  • ये सौदा तो महँगा रहा
    एक कफन के वास्ते जिन्दगी नाप दी।

     

  • बड़ा अजीब है ये जिन्दगी का सफर भी ।
    तमाम उम्र दो रोटी की तलास मे निकल जाती है।

     

  • चाँद सरीखा मुखड़ा तोहार गोर लागेला
    गुजरीया तोहरे बिना जियरा नाही मोर लागेला

     

  • दिन निकला पर मेरे में सवेरा न हुआ
    कलियाँ तो मुस्काई पर भ्रमरो का बसेरा न हुआ
    मेरी किश्मत मे दुश्वारिया ऐसी रही
    वो महबूब मेरा हो कर भी मेरा न हुआ

     

    holi me

    हो जाये होली में धमाल,थोड़ा गुलाल लगा दे
    आज निपटा लो सारे बवाल,थोड़ा गुलाल लगा दे
    रंग दो सबको प्रेम के रंग से
    मिट जाये सारे मलाल,थोड़ा गुलाल लगा दे

     

  • एक किस्मत है मेरी,साथ देती ही नही
    एक याद है तेरी,साथ छोड़ती ही नही

     

  • मेरी किस्मत ने मेरे हिस्से मे बस जख्म लिखे
    होटो पर तो हसी रही हरपल मेरे सीने में गम लिखे

     

  • देश के जवानो को लाल सलाम लिखता हूँ
    अपनी युवा पीढ़ी को भगत सिंह का पैगाम लिखता हूँ
    सम्भल जाओ ऐ शासन के दलालो
    मै अपने शब्दो में इन्कलाब लिखता हूँ

     

  • माया के इस लोक में रक्षक को भक्षक बनते देखा
    संसद के कर्णाधारो को आपस में ही लड़ते देखा
    सुन अलबेला राधेश्याम की गजब है लीला
    टोपीधारी अजगरो को अपना ही देश निगलते देखा

     

  • लहू दे कर शहिदो ने दिलायी है ये आजादी
    है खेली खून की होली तो पायी है ये आजादी
    हर शख्स भरता देशभक्ति का दम्भ यहाँ पर है
    कटा कर शीश अपना,जवानो ने बचायी है ये आजादी

     

  • पहली दफे मृत्यु को इतने करीब से जाना है
    राजा हो, की हो फकीर सबको एक दिन जाना है
    पितामह भी बचे नही इस कड़वे सत्य से
    जीवन और कुछ नही, ये सासो का आना और जाना है

     

  • पाक दामन पर पड़े छीटे नही जाते
    जख्म दिल के सरेआम दिखाये नही जाते
    बड़ी किस्मतो से जुड़ते है दिलो के रिस्ते
    ये प्यार से निभाये जाते है, घसीटे नही जाते

     

  • साथ गैरो का , यू निभाया न करो
    जल जो जीवन है, यू ज़ाया न करो
    कहना है तुमसे एक बात
    बढ़ गयी है ठण्ड ज्यादा, अब रोज तुम नहाया न करो

     

  • पत्थरो की खातिर कत्ल फूलो का करते हो
    कभी दो-चार पौधे भी लगाया करो
    बड़ी सेवा की है तूने मन्दीरो मे जाकर
    कभी पाँव बुजुर्गो के भी दबाया करो

 

 

 

  • deepawali

     

    आसमा तले एक चराग जला दे की रौसनी हो जाये,
    दिलो की दूरिया मिटा दे की रौसनी हो जाये,
    तेरी खामोशी से घर मे धुवा सा है
    मुस्करा दे की रौसनी हो जाये

     

  • ये तेरा प्यार रातो को मुझे सोने नही देता
    सिवा तेरे किसी और का होने नही देता
    शिसकियो में गुजर जाती है राते मेरी
    किया वादा मेरा तुझसे मुझे रोने नही देता

     

  • दर्द परया अपना कर तो देखो,
    चमन उजड़ा बसा कर तो देखो,
    खुशियाँ सिमट आयेगी दामन में तेरे,
    किसी रोते हुवे बच्चे को हसा कर तो देखो

     

  • चप्पा चप्पा घोर उदसी हर कोना सुनसान लगता है
    बिन अपनो के घर अपना खाली मकान लगता है

     

  • लम्हा लम्हा ,यादो की तेरी चादर मै बुनता हूँ
    खामोश अन्धेरी रातों में ,मोती अस्को के चुनता हूँ
    तू साथ नही है मेरे ,ये खबर तो मुझको है
    सूने कमरे मे ,पायल की तेरे रूवझुन मै सुनता हूँ

     

  • तू मेरी मुहब्बत न हुई मेरी परछाई हो गयी मै
    जितना पास आता हूँ तू दूर हो जाती है।

     

  • सुबह से शाम तक खुद को समेटने मे निकल जाता है
    शाम होते है तेरी याद की ठोकर फिर से विखर जाता हूँ

     

  • बहुत फिर लिए हिन्दु मुसलमान बन कर
    अब इन्सानयत को अनाया जाये
    कभी माथे चंदन कभी टोपा लगा लिया
    अब सीस तिरंगे का तिलक लगाया जाये

     

  • तू मेरी वफा को मेरी जिच समझ
    के हसी और भी है चाहने वाले मेरे।

     

  • ऐ खुदा गर दिक्कते इतनी थी किस्मत मे मेरी।
    तो अच्छा होता जो मुझे इस जहां में न लाया होता।

 

 

 

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