शायद लोग मेरी खुशियों से जलने लगे हैं,
कहते हैं परवाह मेरी करने लगे हैं,
तू ही कह कब तक ऐसे रहेगा?
चल बता भी दे शादी कब करेगा??
सब यारो की शादी हो गई,
कितनो की तो आबादी हो गयी,
तेरा अंक कब बढ़ेगा?
चल बता भी दे शादी कब करेगा?
कब तक बेफिक्र घुमेगा, खाएगा?
कब तक चैन की बंसी बजायेगा?
ये समाज आखिर कब तक तुझे सहेगा?
चल बता भी दे शादी कब करेगा?
अब मस्ती मेरी आँखों में उनके खटकने लगी है,
देख बिन्दास मुझे सांसे उनकी अटकने लगी है,
साले दोस्त भी पूछ लेते हैं बहाने से, कब तक बिन्दास रहेगा?
चल बता भी दे शादी कब करेगा?
भाभीयाँ सुबह शाम छेड़ देती है तान,
जैसे शादी हो कोई महान काम,
कब तक सफर अकेले ही चलेगा?
चल बता भी दे शादी कब करेगा?
कब तक नेताओं सी भासड़बाजी होगी?
मोटे लाला सी जालसाजी होगी?
आखिर कब तेरी खुशियों का घड़ा भरेगा?
चल बता भी दे शादी कब करेगा?
*सांदीप कुमार अलबेला*
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