Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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उम्मिदो का सुरज हर दिन

 

 

ummedonka

 

उम्मिदो का सुरज हर दिन
नया सवेरा छोड़ जाता है
हर मद्धम हवा का झोका
तेरी भीनी खूश्बू छोड़ जाता है
जाने नजरो क्या हुआ है मेरी
ये यार हर चेहरे मे तु ही नजर आता है

 

 


°•°•°•°•°•संदीप अलबेला•°•°•°•°•°

 

 

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