विकास हो रहा है,विकास हो रहा है
चहुओर आज मानव का विकास हो रहा है
नित नयी-नयी गाड़िया सड़को पे दौड़ती है
अपनी सेवा के ऐवज में जहर हवा मे घोलती है।
कारखानो का सारा कचरा नदियो मे गिर रहा है
दूषित हुवा है जल पर्यावरण बिगड़ रहा है।
धड़ाझड़ कटते पेड़ अब वन सिमट रहे है
वन्य जीव सारे अब तेजी से घट रहे है
वो हरे भरे खेत,जिनमे फसल कभी खड़ी थी
रोती है आज धरती ,बन्जर हुई पड़ी है
विनाश हो रहा है विनाश हो रहा है
चहुओर आज प्रकृति का विनाश हो रहा है।
Sandeep Albela
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