ये मेरे मुल्क को हुआ क्या है?
चांदनी रात है फिर धुआं क्या है?
फिर गलियों में हिन्दू मुसलमान का झगडा,
दो टुकड़े कर डाले माँ के कलेजे के,
फिर भी न सुकून आया तेरे दिल को,
फिर तू ही बता ऐ सितमगर, इस दर्द की दवा क्या है??
संदीप अलबेला
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