Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अपने ख्वाबो को संजोना चाहता हूँ जिंदगी

 

अपने ख्वाबो को संजोना चाहता हूँ जिंदगी
यही आरजू लिए जीता हूँ जिंदगी

 

अगर भटक जाऊ किसी मोड पर कभी
तो रूसवा न होना कभी मुझसे तूु जिंदगी

 

बहलवाने के लिए बहुत है इस दुनिया में
इसलिए मुझे, हमेशा संभाले रखना तूु जिंदगी

 

बहुत काँटे बिखरे होंगे मेरी राह में
हमेशा मेरा हात थामे रखना तूु जिंदगी

 

जीत के नशे में कभी उँडू आसमान में
मेरे पैरो को जमी पर लाना तू जिंदगी

 

थका ,टूटा कभी मैं आऊँ तेरी आगोश मे
मुझे सुकुन की नींद सुलाना तू जिंदगी

 

 

संगीता

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