Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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का से कहूँ ?

 

का से कहूँ ?????
के चुप रहूँ ?????
यहाँ हर चेहरे के
कई चेहरे हैं ......
आँखों वाले अंधे
और कान वाले
बहरे हैं.......
सुनो ssssss
ये नदिया बहुत
शांत है
पर भीतर कई
भवंडर गहरे हैं ...... संजना तिवारी

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