स्त्री के नाम पर साहित्य में गंद फेंकने वाले मर्दों के लिए
मर्दों.....
विचारशील मर्दों...
स्त्री के सम्पूर्ण शरीर को
अपनी कलम से नापने वाले
दर्जी मर्दों.....
स्त्री विमर्श के नाम पर
स्त्री को नुमाइश बनाने वाले
कारीगर मर्दों......
कभी चरित्रहीन लड़की
कभी गर्भवती नारी
कभी शोषित कहकर
सस्ती लोकप्रियता पाने वाले
कलाकार मर्दों......
कभी बलात्कार
कभी मासिक धर्म की
संवेदनशील व्याख्या कर
खुद को पुरुष दिखाने वाले मर्दों....
पहले पुरुष विमर्श करो...
दिमाग के खंडर को
रिपेयर करवाकर
सफेदी करवाओ
....संजना तिवारी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY