निकलती है जब
खोखले मुंहो से
ठोस वजनदार
बातें -----
चमड़ा उधेड़कर
पहनने वाले
जब करने लगे
तन ढकने की
बातें-------
घटिया करतूत
करने वाले
जब करने लगे
संस्कारों की
बातें-------
तब बहुत याद
आता है मुझे
गिरगिट का रंग
बदलना------
सियारों का साधू
हो जाना -------संजना तिवारी
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